Posts
Showing posts from October, 2016
चन्द्रगुप्त नाटक में गीति काव्य योजना
By
Unknown
-
हिंदी साहित्य में नाटक विधा का प्रवर्तक भारतेंदु हरिश्चंद्र को माना जाता है . भारतेंदु के बाद हिंदी नाटक को नए आयाम , नए रूप देने वालों नाटककारों में जयशंकर प्रसाद सबसे अग्रिणी है . कविता, कहानी के इतर प्रसाद ने कई ऐतिहासिक और समसामयिक नाटक का रचना किये हैं . स्कन्दगुप्त , ध्रुवस्वामिनी के अलावे उनका अन्य लोकप्रिय नाटक है चन्द्रगुप्त . सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के तक्षशिला में शिक्षा प्राप्त करने से लेकर से मगध सम्राट बनने तक का कथा . विदेशी सिकंदर से देश को बचाने की कथा . नाटक को रुचिकर और प्र भावशाली बनाने के लिए जयशंकर प्रसाद गीत का उपयोग करते हैं . नाटक में कुल ११ गीत हैं . कुछ गीत प्रेम के हैं तो कुछ देश प्रेम के . इस नाटक के सभी गीतों में से दो गीत काफी लोकप्रिय रहे हैं . जिनका इस्तेमाल अन्यत्र भी किया जाता रहा है . प्रथम गीत है ‘अरुण यह मधुमय देश हम...